कुल्लू मनाली के एकांत पहाड़ों से ही मनु ऋषि ने सृष्टि का निर्माण किया था। कहा जाता है कि मनु ऋषि की नाव इन्हीं पहाड़ों में उतरी थी और मनाली से मनु ऋषि ने सृष्टि का निर्माण किया था। मनाली का नाम भी मनु ऋषि के नाम पर पड़ा है। सैंज का शैंशर भी मनाली के साथ पहाड़ियों के पीछे लगता है। मान्यता है कि मनु ऋषि ने हजारों वर्ष इन्हीं पहाड़ों में अपनी तपस्या में बिताए थे। यहां उनके साथ मां शतरूपा तथा जगथम ऋषि जी रहते हैं। उनका मंदिर देहुरीधार में है। कहां जाता है कि मनु ऋषि जी के साथ कुछ ठाकुर भी रहते थे, जो तलियाहरा कोठी में है। शैंशर को 7/20 यानि (140 लोग)के रूप में भी जाना जाता है। यह स्थान बहुत ही पवित्र और श्रद्धा मय है।